हिंदुस्तान की राजनीति में कैसे हो सकारात्म बदलाव?? । अमर विराट ।
साथियों!
जब हम राजनीति में सकारत्म बदलाव की बात करते है तो राजनीति की परिभाषा को याद नही रखते।
आमजन राजनीति से राज करने की नीति का मतलब निकालता है। फिर
1. राज चाहे झूट से किया जाए।
2. फरेब से किया जाए।
3. गंद डाल कर किया जाए।
4. आतंक फैलाकर किया जाए।
5. भ्रष्टाचार फैलाकर किया जाए।
6. वोटर को वोट के बदले एक दिन के लिए दारू, आटा और दाल आदि देकर किया जाए।
7. वोट खरीदकर किया जाए।
9. लोगों को डरा कर किया जाए।
10. किसी की मजबूरी और भोलेपन का फायदा उठाकर किया जाए।
11. अपना जमीर बेच कर किया जाए।
12. दुनिया में अपनी चौधर दिखाने के लिए किया जाए।
13. गरीब का पैसा या इज्जत लूट कर किया जाए।
14. अपने पैसे वा जान पहचान का गलत इस्तेमाल कर के किया जाए।
15. लाखों करोड़ों लोगों की जिंदगी के साथ खेल के किया जाए।
16. किसी का घर उजाड़ कर किया जाए।
17. किसी मां के लाल,बहन के वीर और किसी के सुहाग को मार के किया जाए।
18. धर्म, जात, पात और ऊंच नीच का भेदभाव फैलाकर किया जाए।
19. भाई भाई में फूट डालकर कर किया जाए।
20. लोगों को गुमराह कर के किया जाए।
21. अपनी गुंडागर्दी और दहशत फैलाकर किया जाए।
इनको तो राज करना है चाहे उस के लिए उपरलिखित कोई सा भी घिनौना काम क्यों ना करना पड़े।
ऐसे लोगों का जमीर मर चुका होता है। भगवान तो कान्हा याद होगा?
इलेक्शन का समय:-
1.चुनावों के समय जो उम्मीदवार जितना गंदा होगा उतना ही लालच देगा वोटर को।
2. एक वोट के बदले एक हजार रुपए,शराब, आटा, दाल,चावल और अफीम तक ऑफर वोटर को दिया जाता।
3. आपके ये काम करवा देंगे वो काम करवा देंगे।
4. पांव तक को हाथ लगाते है।
चुनाव जीतने के बाद:-
1. पैसा देकर या अन्य किसी भी प्रकार का लालच वोटर को देकर वोट खरीदने वाले कभी किसी की भलाई के लिए नही बल्कि अपनी खुद की भलाई को ध्यान में रखते हैं।
2. जब कोई अपना काम करवाने ऐसे उम्मीदवार के पास जाता है तो सबसे पहले वो लिस्ट चेक करते है की वोट के लिए कितने पैसे दिए थे इसको। उसके बाद डिसाइड होता है की इसका काम करे या ना।
3. ऐसे उम्मीदवार हमेशा अपनी जेबें भरने में लगे रहते हैं।
4. पैसे लेकर नौकरियां बांट ते है।
5. जीतने पैसे वोट खरीद ते समय दिए थे उस से कई गुना ज्यादा पैसे लेकर उस व्यक्ति का काम किया जाता है।
7. जो चुनाव के समय पांव को हाथ लगाते थे वो जितने के बाद पहचानते भी नही। काम तो बड़ी दूर की बात है।
8. ऐसे नेताओं का आधे सा ज्यादा समय विवाह शादी और पार्टियों में गुजरता है क्योंकि वो स्पेशल हो जाते हैं। काम करवाने के लिए समय ही नही बचता।
निष्कर्ष:-
1.अगर निष्कर्ष निकाले तो सारी की सारी गलती वोटर की है।
2. वोटर एक दिन की शराब वा हजार पांच सो रुपए के लिए वोट बेचकर निकम्मे और भ्रष्ट नेताओं का पांच साल के लिए गुलाम हो जाता है।
3. पूरे पांच साल बोलता है फिर मेरा ये काम नही हुआ वो काम नही हुआ। जब वोट ही बेच दी तो अब काम कैसे??
4. लालची नेताओ के कारण नही लालची आवाम, वोटर और आम जनता के कारण आज दुष्ट लोग भोले भाले लोगों पर राज कर रहे हैं। और उनका खून पी रहे हैं।
5. इसी कारण देश में गंदी और झुटी राजनीति फल फूल रही है।
6. ऐसे नेता अपने घर परिवार रिश्तेदार या उनको पैसे देने वालों के ही काम करवाते हैं।
7. ज्यादातर ऐसे नेता निकम्मे,अनपढ़,अंगूठाछाप,भ्रष्ट और दुष्ट होते हैं।
8. ऐसे नेताओं को रंडीबाजी, शराब अन्य कई प्रकार की ऐस फर्रस्ती से ही फुर्सत नही होती की कुछ समाज हित में करे।
9. लोग सोचते है की उन्होंने बहुत ही प्रसिद्ध पैसेवाले और प्रतिष्ठवान व्यक्ति को वोट दी पर वो वोट देने से पहले उनका चरित्र, योग्यता, ईमानदारी और काम के प्रति समर्पण चेक करना भूल जाते हैं।
10. ईमानदार उम्मीदवार को यह कहकर वोट नही देते की ये पैसे तो बांट ता नही। शराब तो पिलाता नही। एक दिन के लिए ही सही आटा चावल दाल तो देता नही। ये तो गरीब है। कंजूस है।
11. जो उम्मीदवार अच्छा पढ़ा लिखा होगा। चरित्रवान होगा।सूझवान होगा। ईमानदार होगा। सच्चा होगा। अपने कार्य प्रति पूर्ण समर्पित होगा । लोगों के प्रति अपनी पूर्ण जिम्मेदारी निभाता होगा। जो सच में लोगों के लिए, देश के लिए , अपने समाज के लिए, न्याय के लिए तरस रहे लोगों के लिए, बच्चों के लिए ,बुजुर्गों के लिए ,महिलाओं के लिए और हर मजहब धर्म जाती के विकास के लिए कुछ करना चाहता है वो वोट नही खरीद ता । वो वोट के लिए पैसे नही बांट ता। वो वोट के लिए वोटर से झूट वायदे भी नही करता।
लिकिन जितने के बाद अपने कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा ईमानदारी से निभाता है।
उसका हर काम देशहित में होता है।
वो किसी समुदाय विशेष के लिए नही बल्कि सबकी भलाई के लिए प्रयत्नशील रहता है।
ऐसे नेक उम्मीदवार को वोट न देकर वोटर अपना ही नुकसान करते हैं।
12. गलत उम्मीदवार को वोट डाल कर जिताने से आज हमारा देश दिन प्रति दिन कमजोर हो रहा है। अमीर अमीर और गरीब गरीब हो रहा है।
13. बेरोजगारी बढ़ रही है।
14. लूट पाट चोरी जारी का माहोल चारों तरफ है।
15. पुलिस भ्रष्ट है, न्याय प्रणाली में कमियां हैं, रेवेन्यू सरेआम भ्रष्ट है, हर सरकारी डिपार्टमेंट घुस के बिना बात नही करता।
ऐसा तब होता है जब हमारा नेता खुद भ्रष्ट,निकम्मा,चोर,दलाल और खुदगर्ज मर चुके जमीर का मालिक होता हैं।
और एक नेता तब भ्रष्ट होता है जब एक वोटर भ्रष्ट होता है।अपनी वोट बेचता है।
16. वोटर चाहे तो भारत की राजनीति में सकारात्मक बदलाव कर सकता है। ईमानदारी से देशहित में ईमानदार पढ़े लिखे सूझवान कर्मठ व्यक्ति को वोट डाल कर।
परामर्श:-
दोस्तों! मैं अमर विराट संगठन मंत्री आम आदमी पार्टी उत्तरी जोन हरियाणा एससी एसटी आप लोगो को परामर्श देना चाहता हूं की समय अब बदलाव मांग रहा है। समय की मांग है की गंदी और झुटी राजनीति का अंत कर सच्चाई और ईमानदारी की राजनीति को अपनाया जाए। भाई भाई को लड़ने से बचाया जाए। धर्म कि राजनीति नही विकास की राजनीति की जाए। लोगों को चुनावों में पैसा शराब बांट कर या अन्य लालच देकर अपने साथ साथ उनका भी नैतिक पतन ना किया जाए। ताकि ईमानदार कर्मठ लोग सत्ता में आ सके।
यदि देशहित में कुछ करना चाहते हो तो होंसले बुलंद करने होंगे,हिम्मत रखनी होगी और अपने अंदर एक जज्बा पैदा कर देश की राजनीति में ईमानदार लोगों को आगे आना ही होगा चाहे आर्थिक रूप से संपन्न ना भी हो। पैसे के आधार पर नही ईमानदारी के आधार पर चुनाव लडे।
जो ईमानदार होगा कर्मठ होगा जरूर सत्ता में आयेगा। पूरा ब्रह्मांड साथ देगा।ये प्रकृति का नियम है।🌹🌷💐🙏✌️👍
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